बिहार में राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के सैकड़ो एकड़ जमीन का आता पता नहीं था लेकिन अब खुशखबरी आ गई है और 100 एकड़ से अधिक जमीन बिहार सरकार को मिल गया है जिसका कई वर्षों से अता-पता नहीं था। अब पर्यटन विभाग ने सौ एकड़ से अधिक जमीन का पता लगा लिया है, जिसमें नालंदा के सूरजपुर में सबसे अधिक 49 एकड़ जमीन शामिल है। इन जमीनों पर पर्यटकीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
बिहार सरकार के सैकड़ो एकड़ लापता जमीन मिला
Bihar Land News: बिहार में सरकारी जमीन के गायब होने का मामला सामने आया है, जहां कई विभागों की सैकड़ों एकड़ जमीन का कोई अता-पता नहीं है। इस बीच पर्यटन विभाग ने अपनी 100 एकड़ से ज्यादा गायब जमीन को ढूंढ निकाला है। आपको बता दें की यह जमीन राज्य के अलग-अलग शहरों में फैली हुई है। पर्यटन विभाग को सबसे अधिक जमीन नालंदा के सूरजपुर में मिली है, जो 49 एकड़ है। इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को पूरी जानकारी के साथ बताऊंगा कि किस जिले में कितना एकड़ जमीन मिला है। इसलिए आप सभी पाठकों से मैं अनुरोध करूंगा कि आर्टिकल को पूरा पढ़िए और अगर आर्टिकल खबर पसंद आती है तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें।
ई पर्यटन नीति के कारण निवेश की संभावना बढ़ी
जैसा कि मैं आर्टिकल में पहले बताया है की साइकिल लेकर जमीन जो लापता थी अब पर्यटन विभाग में इसे ढूंढ लिया है और इस जमीन पर अब पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं को विकसित करने की योजना सरकार बना रही है। नई पर्यटन नीति के लागू होने के बाद राज्य में निजी क्षेत्र से निवेश की संभावना बढ़ गई है, जिसके कारण जमीन की उपलब्धता और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
बिहार के किन जगहों पर मिली कितनी जमीन?
जैसा कि मैंने बताया था कि बिहार सरकार के कई 100 एकड़ जमीन लापता थी जिसे पर्यटन विभाग ने ढूंढा है तो यहां पर आप बिहार के उन सभी जिलों और जगह के नाम के साथ जमीन की बुरा देखिए जो अभी तक सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है।
शहर | जमीन ( एकड़ में ) |
नालंदा के सूरजपुर | 49 |
वैशाली | 12 |
प.चंपारण | 5 |
सहरसा | 22 |
भागलपुर | 9 |
मुंगेर | 13 |
कुल जमीन | 110 |
पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग सुविधा विकसित करेगा
पर्यटन विभाग के सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने निकल कर आ रही है उसमे सूत्रों का कहना है कि राज्य में कई स्थानों पर जमीन की कमी के कारण प्रतिक्रिया सुविधाएं विकसित करने में परेशानी हो रही थी ऐसी स्थिति में जमीन उपलब्ध होने से पर्यटन संबंधित कई योजनाएं आगे पड़ेगी। खासकर हम बात करें नालंदा की जिसमें सबसे अधिक जमीन मिला है जिसमें पर्यटकीय सुविधा विकसित करने में आसानी होगी।
कई विभागों के पास जमीन का कोई रिकॉर्ड नहीं
दरअसल, राज्य सरकार के कई विभागों के पास अपनी जमीन का कोई रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे विभाग जमीन की खोज के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दे रहे हैं, वैसे-वैसे गायब जमीन मिलने लगी है। इसी को लेकर कुछ दिन पहले सरकार ने सभी को आदेश दिया था कि मामले को ठीक किया जाए और गड़बड़ या सरकारी जमीन पर किसी का कोई कब्जा है तो उसे जमीन को जल्द से जल्द मामले को हल करके जमीन वापस लिया गया।